किस शाम की उदासी

किस शाम की उदासी

उतर आती है

क्यू रात भर

ठहर जाती है

क्यूं ये दिल सुलगता

रहता है

क्यू जिस्म दहकता

रहता है

क्यूं खिंजा के मौसम

नहीं बदलते

क्यूं बाहर कतरा के जाती है

किस शाम की उदासी

उतर आती है

…… सुधीर कुमार (आजिज़ी)….

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